खड़ा बड़ा साम्राज्य हो, दर्शन की हो फीस ।
जोड़े रकम अकूत ।
नाम करेगा पूत ।। १॥
राहु-केतु लेते चढ़ा, खींच खींच आस्तीन ।
दोष दूसरे पर मढ़े, दंगाई तल्लीन ।
जीते पर यमदूत ।
नाम करेगा पूत ॥ २॥
छींका टूटा भाग्य से, बिल्ली गई अघाय ।
दिल्ली थोड़ी दूर बस, बस देगी पहुंचाय ।
दिखे आप मजबूत।
नाम करेगा पूत ॥ ३॥
अनशन पर आये नहीं, यद्दपि ज्यादा लोग ।
लोकपाल पर आ गया, बढ़िया यह संजोग ।
रविकर कर करतूत ।
नाम करेगा पूत ॥ ४ ॥
कुंडलियां
(1)
पापा कहते हड़बड़ा, नाम करेगा पूत |
गली मुहल्ला घर त्रसित, असहनीय करतूत |
असहनीय करतूत, शिकायत हर दिन आये |
तोड़-फोड़ खिलवाड़, फटे में टांग अड़ाए |
तोड़ा रेस्टोरेंट, जला के चौखट तापा |
बड़ा करेगा नाम, बोल बैठे तब पापा ||
पापा कहते हड़बड़ा, नाम करेगा पूत |
गली मुहल्ला घर त्रसित, असहनीय करतूत |
असहनीय करतूत, शिकायत हर दिन आये |
तोड़-फोड़ खिलवाड़, फटे में टांग अड़ाए |
तोड़ा रेस्टोरेंट, जला के चौखट तापा |
बड़ा करेगा नाम, बोल बैठे तब पापा ||
(2)
लेना-देना भूलता, कुछ व्यवहारिक ज्ञान |
कूट कूट लेकिन भरा, बेटे में ईमान |
बेटे में ईमान, खड़ा दुविधा का रावण |
टाले कुल शुभकर्म, कराये अशुभ अकारण |
घटी तार्किक बुद्धि, जगत देता है ठेना |
किन्तु करेगा नाम, कभी ईमान खले ना ॥
वाह ! बहुत खूब !
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