गुप्ताजी स्वार्थ बुरी बला है ! इसमे जमाना मस्त है !
आपके दोहों की सामर्थ्य ,चिन्तन को शक्ति व प्रेरणा को बल देता है ,मौलिकता साफ दिखती है, प्रशसनीय रचना / शुभकामनायें जी /
वाह..बहुत खूब..
बहुत सार्थक प्रस्तुति...
बहुत सुंदर बोध भरे दोहे...और चित्र लाजवाब है, बधाई !
गुप्ताजी स्वार्थ बुरी बला है ! इसमे जमाना मस्त है !
ReplyDeleteआपके दोहों की सामर्थ्य ,चिन्तन को शक्ति व प्रेरणा को बल देता है ,मौलिकता साफ दिखती है, प्रशसनीय रचना / शुभकामनायें जी /
ReplyDeleteवाह..बहुत खूब..
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