बहुत बढ़िया ..................
कर मानव-कल्याण, पूर कर पावन सपने ।छोडो देना ध्यान, भटक ना जाओ अपने ..sahi bat.
सपनों में अपने, अपनों के सपने या सबके सपने अपने।
बहुत सुंदर दोहे....
आपका जवाब नहीं रविकर जी...!
भाई इसका तो जवाब नहीं है!
अपने बारे में अगर, खुद ही सोचें राम ।बेढब दुनिया क्या करे, मुँह ढांपे आराम । ...वाह, वाह!...क्या खूब्ब कही!
आज की हिंसा की दुनिया में ,एक तो मिला अहिंसावादी सब प्यार से पुकारे उसको नाम है जिसका रविकर फैजाबादी....:-)शुभकामनाएँ!
वाह!!! वाह!!!
बहुत बढ़िया ..................
ReplyDeleteकर मानव-कल्याण, पूर कर पावन सपने ।
ReplyDeleteछोडो देना ध्यान, भटक ना जाओ अपने ..sahi bat.
सपनों में अपने, अपनों के सपने या सबके सपने अपने।
ReplyDeleteबहुत सुंदर दोहे....
ReplyDeleteआपका जवाब नहीं रविकर जी...!
ReplyDeleteभाई इसका तो जवाब नहीं है!
ReplyDeleteअपने बारे में अगर, खुद ही सोचें राम ।
ReplyDeleteबेढब दुनिया क्या करे, मुँह ढांपे आराम ।
...वाह, वाह!...क्या खूब्ब कही!
आज की हिंसा की दुनिया में ,एक तो मिला अहिंसावादी
ReplyDeleteसब प्यार से पुकारे उसको नाम है जिसका रविकर फैजाबादी....:-)
शुभकामनाएँ!
वाह!!! वाह!!!
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