सीधा साधा सौम्य सा . काँखा- कूँखा नाय ।
नमक-रुई की बोरियां, चतुराई विसराय ।
चतुराई विसराय, नई संतति है आई |
गबरगण्ड गमखोर, गधे को मिले बधाई ।
गबरगण्ड गमखोर, गधे को मिले बधाई ।
बन्दे कुछ चालाक, गधे से हल चलवाते ।
रविकर मौका देख, गधे को बाप बनाते ।।
वाह, गधा पुराण।
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