रही मुहब्बत पाक, किन्तु मैं तुझ से रूठी ।किया कलेजा चाक, आज कहते हो झूठी ॥.... वाह सर ... क्या कुण्डलिया कही है .. अति सुन्दर
बहुत खूब !बहुत अच्छी रचना ! बधाई स्वीकार करें !हिंदी फोरम एग्रीगेटर पर करिए अपने ब्लॉग का प्रचार !
बहुत खूब !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..क्या बतलाऊँ अपना परिचय ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः004 थोडी सी सावधानी रखे और हैकिंग से बचे
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (13-09-2013) महामंत्र क्रमांक तीन - इसे 'माइक्रो कविता' के नाम से जानाः चर्चा मंच 1368 में "मयंक का कोना" पर भी है!सादर...!डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ख़ूब
सुन्दर प्रस्तुति हिंदी ब्लॉग के लिए एक जबरदस्त ऐड साईट
रही मुहब्बत पाक, किन्तु मैं तुझ से रूठी ।
ReplyDeleteकिया कलेजा चाक, आज कहते हो झूठी ॥
.... वाह सर ... क्या कुण्डलिया कही है .. अति सुन्दर
बहुत खूब !
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना ! बधाई स्वीकार करें !
हिंदी फोरम एग्रीगेटर पर करिए अपने ब्लॉग का प्रचार !
बहुत खूब !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteक्या बतलाऊँ अपना परिचय ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः004
थोडी सी सावधानी रखे और हैकिंग से बचे
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (13-09-2013) महामंत्र क्रमांक तीन - इसे 'माइक्रो कविता' के नाम से जानाः चर्चा मंच 1368 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ख़ूब
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग के लिए एक जबरदस्त ऐड साईट