Saturday, 18 June 2011

एक चितवन का बचा है, फासला बस बीच अपने

गर्व रखकर ताक पर, अब आस्मां की ओर ताको |
उन सितारों में लिखा है  नाम दिलवर का  तुम्हारे ||
दुश्मनी  यूँ  ही  अगर, तुमने  निभाया  आस्मां से
नीचे  धकेलेगा  धरा  पर,  आपके  महबूब  सारे ||  

और मकतूलों की  लाइन,  सामने लगनी शुरू | 
तेरी मुहब्बत के सताए, विश्व-मित्रा लव गुरु  ||
इस कदर बदनाम होगी, चाह करके फिर कभी |
ले  सको  न  हाथ खंज़र,  दम्भ मर जाए तभी ||

इसलिए चुपचाप  मेरी  इल्तजा  तुम  मान जाओ |
आस्मां दिलवर बिराजे, सिर तनिक ऊपर उठाओ ||
एक चितवन का बचा है, फासला  बस  बीच अपने |
फैसला कर, फासला तो खुद-ब-खुद ही, लगा नपने | |

कांगू मच्छर और भांजू मक्खी : आरोप-प्रत्यारोप

4 comments:

  1. सोनिया गांधी एंड कम्पनी ....गत पोस्टों से आगे का सफ़र .....
    इस बात को साबित करने के लिए कि यू पी ए -२ की मंशा विदेशों में जमा रकम वापस लाने की रही ही नहीं है ,ज्यादा मशक्कत करने की ज़रुरत ही नहीं पड़ेगी .चंद उद्धरण देना काफी होगा .गौर करें -
    फरवरी २००८ में ही जर्मन अधिकारियों ने उन देशों के बारे में विस्तृत सूचना खंगाल ली थी जहां के नागरिकों ने चोरी की रकम यहाँ के एक नाम चीन बैंक (लिश्तेंस्तीं बैंक )में जमा करवा रखी थी ।
    इनमें २५० नामी -गिरामी लोग भारत के भी थे .जर्मनी के वित्तीय मंत्रालय ने इन खाताधारियों के नाम सम्बद्ध देशों की सरकारों को मुहैया करवाने की पेशकश भी कर दी थी .लेकिन भारत के सत्ता प्रतिष्ठान ने इसमें जाहिरा तौर पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई ।
    टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने साफ़ लिखा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय की इस बाबत ज़रा भी दिलचस्पी नहीं है कि इस रसूख - दार बैंक में किस किस के लोकर्स हैं ।
    बतलादें आपको भारत सरकार की कर सम्बन्धी एक संधि है जर्मनी के साथ(टेक्स ट्रीटी )जिसके तहत कोई भी सूचना कर चोरों की भारत सरकार को गुप्त रूप में ही मुहैया करवाई जा सकती है ।
    जब सरकार पर मीडिया और इधर उधर से दवाब बढा सरकार ने बुझे मन से यही पेश का कर दी ।
    दोनों में अंतर क्या है .संधि के तहत कोई भी सूचना सार्वजनिक नहीं की जाती है ,अन्दर खाने बात रह जाती है .अन्दर की बात बन जाती है साहब वह ।
    पुणे का होर्स -ब्रीडर हसन अली अब आम औ ख़ास के लिए जाना पहचाना नाम है डेढ़ लाख करोड़ की मिलकियत है इस शख्स की स्विस बैंक में .
    आयकर विभाग को ७१८४८करोद रूपये का चूना लगा चुका है यह आदमी ।
    इस बाबत स्विस सरकार को भेजी रिपोर्ट को अदबदाकर दोष -पूर्ण बनाया गया .ताकि स्विस सरकार कोई वैधानिक कारवाई कर ही न सके ,भारत को कागज़ात भेजे ही ना इसे सुनिश्चित बनाया गया ।
    दाखिल दफ्तर हो चुका है अब यह मामला ।
    हसन अली अपना आदमी है यह अन्दर की बात है साहब .सत्ता पक्ष के इनर सर्किल का मौसेरा है ।
    हवाला के रखवाले यही लोग हैं .हसन अली एक हसन अली दो एंड हसन अली तीन एंड सो ऑन।
    हसन अली का पैरहन खींचना खुद नंगा होना है साहब ।
    जब तक सूरज चाँद रहेगा ,सोनिया तेरा नाम रहेगा .४६२ अरब रूपये की लूट ढूंढते रह जाओगे जब तक मम्मी जी एंड कम्पनी का संदेहास्पद खाता स्विस बैंक में बरकरार है ।
    माँ -बेटे की कुल रकम चुनावी पूर्व घोषणा के मुताबिक़ ३६३ लाख है .अपनी सोहनी के पास कोई कार भी नहीं है ।
    तिस पर हिमाकत देखिये मम्मी जी ने १९ नवम्बर २०१० को क्या कहा -"ग्राफ्ट एंड ग्रीड आर ऑन दी राइज़ इन इंडिया "।
    १९ दिसंबर२०१० को कोंग्रेस राजकुमार ने कहा -"सीवीयर पनिशमेंट शुड भी गिविन टू दी करप्ट ".
    अब इसके आगे हम क्या कहें ?यही न !दे दो बबुआ !

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  2. दुश्मनी यूं ही अगर तुमने निभाया ,आस्मां से ,
    नीचे धकेलेगा धरा पर ,आपके महबूब सारे ।
    बेहतरीन अभियक्ति !

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  3. बहुत पैना और प्रासंगिक लिख रहें हैं आप .संगेमरमर उपलब्ध है ,"नीम निम्भोरी "पर भी छैनी और हथोडी उठाइये .आप तो आशु दोहाकार है .रविकर -सतसई पूरी करनी है .

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  4. बहुत पैना और प्रासंगिक लिख रहें हैं आप .संगेमरमर उपलब्ध है ,"नीम निम्भोरी "पर भी छैनी और हथोडी उठाइये .आप तो आशु दोहाकार है .रविकर -सतसई पूरी करनी है .

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