Monday 30 April 2012

कर सकते संसर्ग,अघोरी कामी साधक

  फेयरवेल-संसर्ग / मिस्र का नया कानून 

सदियों से रखते रहे, लोग मिस्र में लाश । 

संरक्षित करते रहे, ममी बनाकर ख़ास ।

ममी बनाकर ख़ास, नई इक खबर सुनाता ।

नगर काहिरा मिस्र, नया कानून बनाता ।

 साथी गर मर जाय, मौत के छ: घंटे तक ।

कर सकते संसर्ग, अघोरी कामी साधक ।। 

रविकर की रसीली जलेबियाँ

"कुछ कहना है"

दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

11 comments:

  1. वितृष्णा होती है ऐसी खबरों पर ...

    ReplyDelete
  2. मन को उद्वेलित कर गई आज की पोस्ट .

    ReplyDelete
    Replies
    1. हतप्रभ करने वाला समाचार है |
      क्या मिस्र के लोग पिरामिड में ममी इसीलिए दफ़न करते थे-
      थू-थू |
      सादर ||

      Delete
  3. यही है अतृप्त भोग और वासना ,निष्प्राण सम्भोग की भास्ना . (.कृपया यहाँ भी पधारें - )

    कैंसर रोगसमूह से हिफाज़त करता है स्तन पान .
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_01.html

    ReplyDelete
  4. बहुत ही मार्मिक एवं सारगर्भित प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपके एक-एक शब्द मेरा मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ नई उर्जा भी प्रदान करने में समर्ख होंगे । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद

    ReplyDelete
  5. केवल छ घंटे ही क्यूँ???? वो ममी किस काम आएँगी ??छि छि ...घिन आती है ऐसे शासन तंत्र पर ऐसी गन्दी घिनौनी मानसिकता पर ,जानवर भी कई गुना बेहतर होते हैं ऐसे इंसानों से

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी |
      वहाँ का एक संगठन इसकी खिलाफत में लगा है |
      पर इस सोच को सौ सौ धिक्कार ||
      सादर

      Delete
  6. गहरा अफ़सोस होता है ऐसी ख़बरों पर.. घिन आती है ऐसे लोगों से ...

    ReplyDelete
  7. वितृष्णा होती है ऐसी मानसिकता पर !

    ReplyDelete