मस्त है।
पावर का है खेल, सकल प्यादे भी ऐंठे लगी दांव पर साख, शाख पर उल्लू बैठे ..अब तो ये उल्लू चिपक भी गए हैं ... उखड़ने वाले नहीं लगते ..
गजब !मैं तो कहीं नहीं गयायह आप कैसे कह बैठे !
जी हाँ,शाख दाँव पर लगी है मगर शाख बची ही कहाँ है?
sahi bat....
गजब! मस्त!
नख्ले जां को ख़ूं पिलाया उम्र भरशाख़े हस्ती आज भी जाने क्यूं ज़र्द हैहिंदी ब्लॉगिंग की मुख्यधारा को संवारने के लिए मस्त सुझाव. शुक्रिया।
मस्त है।
ReplyDeleteपावर का है खेल, सकल प्यादे भी ऐंठे
ReplyDeleteलगी दांव पर साख, शाख पर उल्लू बैठे ..
अब तो ये उल्लू चिपक भी गए हैं ... उखड़ने वाले नहीं लगते ..
गजब !
ReplyDeleteमैं तो कहीं नहीं गया
यह आप कैसे कह बैठे !
जी हाँ,
ReplyDeleteशाख दाँव पर लगी है मगर शाख बची ही कहाँ है?
sahi bat....
ReplyDeleteगजब! मस्त!
ReplyDeleteनख्ले जां को ख़ूं पिलाया उम्र भर
ReplyDeleteशाख़े हस्ती आज भी जाने क्यूं ज़र्द है
हिंदी ब्लॉगिंग की मुख्यधारा को संवारने के लिए मस्त सुझाव.
शुक्रिया।