Friday, 21 September 2012
भैया-बहना बांधते, मोहन रक्षा-सूत्र-
दीदी-दादा तानते, कुर्सी वो मजबूत ।
भैया-बहना बांधते, मोहन रक्षा-सूत्र ।
मोहन रक्षा-सूत्र, सकल यू पी भरमाया ।
जीवन भर बंगाल, कहीं मुंबई कमाया ।
एफ़ डी आई, तेल, सिलिंडर काटे कौवा ।
साम्प्रदायिक संघ, हुआ हिंदू ही हौव्वा ।
2 comments:
virendra sharma
21 September 2012 at 07:58
व्यंग्य विडंबना .बढ़िया कटाक्ष .
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Unknown
22 September 2012 at 11:08
सुंदर कटाक्ष |
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व्यंग्य विडंबना .बढ़िया कटाक्ष .
ReplyDeleteसुंदर कटाक्ष |
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