मन्त्र मारती मन्थरा, मारे मर्म महीप ।
स्वार्थ साधती स्वयं से, समद सलूक समीप ।
समद सलूक समीप, सताए सिया सयानी ।
कैकेई का कोप, काइयाँ कपट कहानी ।
कौशल्या *कलिकान, कलेजा कसक **करवरा ।
रावण-बध परिणाम, मारती मन्त्र मन्थरा ।।
*व्यग्र
*आपातकाल
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राजनीति की मंथरा.....?
ReplyDeleteराजनीति की मंथरा,बड़ी सयानी आज,
ReplyDeleteपरदे के पीछे रहे,करती काले काज ।