Monday, 23 July 2012

150 वीं पोस्ट : शादी सम्मति बिना, जहाँ मन-माफिक रौंदा-रविकर


पोर्नोग्राफी विकृती, बड़ा घिनौना कर्म ।
स्वाभाविक जो कुदरती, कैसे सेक्स अधर्म ?

कैसे सेक्स अधर्म, मानसिक विकृत रोगी ।
होकर के बेशर्म, अनधिकृत बरबस भोगी ।

नर-नारी सुन पाप, जबरदस्ती का सौदा ।
शादी सम्मति बिना, जहाँ मन-माफिक रौंदा ।।

3 comments:

  1. लोग आनंद के पीछे कभी रजनीश के पीछे तो कभी हजारों ऐसी साईट्स पर दिन रात माथा मारते पड़े हैं ..सब के आनंद के अपने मायने हैं विकास की धारा प्रभावित हो रही है
    क्या कहिये ऐसे लोगों को ???..इस दर्पण में झांकें वे
    भ्रमर ५

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  2. ़़़

    150 की बधाई
    कहाँ हे मिठाई
    150 वी है कर के बम बना रहा है
    किसको उड़ाना था क्या उड़ा रहा है !!

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