जाना चाहिये, यह जानने कि वहाँ क्या संभावनायें थीं..
:-)
यह व्यंग्य २१ जुलाई २०१२ को प्रकाशित हुआ था.रविकर जी ,आभार एवं बधाई :-)
achchha laga.
जाना चाहिये, यह जानने कि वहाँ क्या संभावनायें थीं..
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Deleteयह व्यंग्य २१ जुलाई २०१२ को प्रकाशित हुआ था.
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achchha laga.
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