बधाई और आभार !
बहुत बढ़िया प्रस्तुति रविकर जी की ..कृपया यहाँ भी पधारें -कविता :पूडल ही पूडलकविता :पूडल ही पूडल डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१ जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल , इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .
बृहस्पतिवार, 26 जुलाई 2012food myths & factsखाद्यों से जुड़े मिथ और यथार्थ लहसुन की दुर्गंध को,दूर भगाता सौफमच्छर भी है भागते,खाते इससे खौफ,,,,,,............dheerendraपोषक तत्व बचाइये, भूलो सज्जा स्वाद |चिकनाई शक्कर बढे, बिगड़े भला सलाद | लहसुन खाने से नहीं, मच्छर भागें पार्थ |माशूका खिसके मगर, रविकर यही यथार्थ ||अम्ल अमीनो सोडियम, दिल को रखे दुरुस्त |पोटेशियम तरबूज से, मिले यार इक मुश्त ||अम्ल अमीनो सोडियम, दिल को रखे दुरुस्त |पोटेशियम तरबूज से, मिले यार इक मुश्त ||-----------रविकर फैजाबादीसोच समझ के खाईएरहना है तंदरुस्तवरना जीवन की गतिहो जाएगी सुस्त...।................surenderpal vaidya
रविकर जी ,धीरेंद्र्जी,सुरेन्द्र पाल वैद्य जी ,आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया इस पोस्ट को सजाने ,सारगर्भित बनाने के लिए .
करेला और नीम दोनो साथ साथ वाह मजा आ गया !
karela hain ravikar aur main neem :-)
बहुत बढ़िया... सादर।
बहुत सुन्दर...
बहुत ही दमदार प्रस्तुति..
क्या बात है रविकर जी ,मजा न आ गया ,कतई लठ्ठ गाढ दिए भाई आज तो ..बढिया व्यंग्य संतोष त्रिवेदी जी का ...कृपया यहाँ भी पधारें -कविता :पूडल ही पूडलकविता :पूडल ही पूडल डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१ जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल , इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .
बधाई और आभार !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति रविकर जी की ..कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteकविता :पूडल ही पूडल
कविता :पूडल ही पूडल
डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१
जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .
(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,
यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर
फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल
यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .
बृहस्पतिवार, 26 जुलाई 2012
ReplyDeletefood myths & facts
खाद्यों से जुड़े मिथ और यथार्थ
लहसुन की दुर्गंध को,दूर भगाता सौफ
मच्छर भी है भागते,खाते इससे खौफ,,,,,,............dheerendra
पोषक तत्व बचाइये, भूलो सज्जा स्वाद |
चिकनाई शक्कर बढे, बिगड़े भला सलाद |
लहसुन खाने से नहीं, मच्छर भागें पार्थ |
माशूका खिसके मगर, रविकर यही यथार्थ ||
अम्ल अमीनो सोडियम, दिल को रखे दुरुस्त |
पोटेशियम तरबूज से, मिले यार इक मुश्त ||
अम्ल अमीनो सोडियम, दिल को रखे दुरुस्त |
पोटेशियम तरबूज से, मिले यार इक मुश्त ||-----------रविकर फैजाबादीसोच समझ के खाईए
रहना है तंदरुस्त
वरना जीवन की गति
हो जाएगी सुस्त...।................surenderpal vaidya
रविकर जी ,धीरेंद्र्जी,सुरेन्द्र पाल वैद्य जी ,आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया इस पोस्ट को सजाने ,सारगर्भित बनाने के लिए .
ReplyDeleteकरेला और नीम
ReplyDeleteदोनो साथ साथ
वाह मजा आ गया !
karela hain ravikar aur main neem :-)
Deleteबहुत बढ़िया...
ReplyDeleteसादर।
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteबहुत ही दमदार प्रस्तुति..
ReplyDeleteक्या बात है रविकर जी ,मजा न आ गया ,कतई लठ्ठ गाढ दिए भाई आज तो ..बढिया व्यंग्य संतोष त्रिवेदी जी का .
ReplyDelete..कृपया यहाँ भी पधारें -
कविता :पूडल ही पूडल
कविता :पूडल ही पूडल
डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१
जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .
(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,
यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर
फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल
यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .