पटना में गौहाटी
भीड़-भाड पर मत करो, एतबार हे नार ।
पटना के दुर्दांत से, हारी यह सरकार ।
हारी यह सरकार, भीड़ क्यूँ नहीं डरेगी ।
हफ्तों बीते किन्तु, कान पे जूँ न रेंगी ।
करो हिफाजत आप, शाप जीवन पर तेरे ।
कर रविकर को माफ़, अँधेरे दुनिया घेरे ।।
कार में बनी सी डी
महिला आयोग हरकत में आई ।
सरकार अभी भी पीड़िता का इन्तजार कर रही है ।
भीड़ देखती रही-
जानती रही कि क्या अनर्थ हो रहा है ।।
बढ़िया कविता कह रहे हैं आप रविकर जी
ReplyDeleteआज आम मज़दूर से लेकर ऊंचे ओह्देदारान तक वैचारिक असंतुलन के शिकार देखे जा सकते हैं. इन में से ज़्यादातर लोग बच सकते थे अगर उनकी परवरिश के वक़्त उनके माता पिता ने उनके मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा होता. माँ की ज़िम्मेदारी बाप के मुक़ाबले थोड़ी ज्यादा है . सभी मर्द बचपन में अपनी माँ के प्रशिक्षण में रहते हैं. अगर माँ अपनी गोद के लाल को सही-ग़लत की तमीज़ दे और हमेशा इन्साफ़ करना सिखाये तो औरतों पर होने वाले ज़ुल्मों को रोका जा सकता है.
ReplyDeleteआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २४/७/१२ मंगल वार को चर्चा मंच पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आप सादर आमंत्रित हैं
ReplyDeleteये चिता को आग लगाने वाले कथित तारिये बिगडेल कपूत परिवार और समाज के लिए कलंक है .स्वर्ग का क्या घोर नरक का दरवाज़ा दिखलायेंगे ये माँ बाप को भी .
ReplyDeleteओफ्फ...
ReplyDeleteदुखद!
ReplyDeleteअजी कौन पूछता है इस दिखाऊ तीहल (महिला आयोग )को .अकेली दिल्ली क्या भाड़ झोंकेगी ?
ReplyDeleteअंधेरगर्दी चौपट राजा !!
ReplyDeleteअपनी अपनी हिफाजत में लगे है सरकारी लोग
देख देख कर मस्त हैं बचे हुवे बाकी लोग
अंधेर गर्दी की हो गयी है चारों ओर मौज
महिला आयोग भी कर रहा यात्रा का उपयोग
गोहाटी जा कर कुछ दिन पहले ही आया है
इस बार पटना से निमंत्रण उसने बनवाया है !!
Ghor kalyug ...
ReplyDeleteकरारी चोट।
ReplyDeleteदुखद...
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