(1)
पंथ-प्रचारक ले मरे, झंडा डंडा तेग |
पंथ-प्रचारक ले मरे, झंडा डंडा तेग |
हुई कयामत उठ पड़े, रहे धरा पर रेंग |
रहे धरा पर रेंग, भेंग माथे में बैठा |
भय का कर व्यापार, बाँध के चले मुरैठा |
जब डंडा पुरजोर, भांजते संगी-साथी |
युग के सब मुंहजोर, मरें पगलाए हाथी ||
(2)
सोना चढ़ा सुहाग पर, रेकी करके चित्र |
खींच लुटेरे भेज दें, हरकत करें विचित्र |
हरकत करें विचित्र , आँख न लगने पाए |
साबरमती कुटुंब, दुबारा जल न जाये |
रविकर पहरेदार, पढ़े मंतव्य घिनौना |
रहे सुरक्षित हिंद, नहीं तुम फिर से सोना ||
रविकर पहरेदार, पढ़े मंतव्य घिनौना |
ReplyDeleteरखो सुरक्षित देस, नहीं तुम फिर से सोना
बहुत बढ़िया स्पष्ट अभिव्यक्ति ..
बहुत अच्छे मित्र-
ReplyDeleteजब डंडा पुरजोर, भांजते संगी-साथी |
युग के सब मुंहजोर, मरें पगलाए हाथी ||
आज ही यह भी पढ़ा |
Deleteक्या बात है भाई सभी डंडे के पीछे लगे हुवे हैं |
झंडे का रंग कोई भी हो, डंडा हमारा ही चलेगा.
Dr. Ayaz Ahmad at सोने पे सुहागा
दोस्त का काम है मिलना . सो वो मिले. हमने कहा कि अगर झंडे का रंग भगवा हो जाए तो कैसा रहेगा ? बोले, अच्छा रहेगा. हमने कहा कि हमारे लिए कोई डरने वाली बात तो नहीं है न ? बोले, डरने वाली बात उस दिन होगी जब डंडे का साइज़ और उसका रंग डिस्कस किया जाएगा. हमने कहा तब कोई डर नहीं है. दोस्त ने हैरत से पूछा, क्यों ? भाई, आजकल अपने डंडे की बड़ी डिमांड है. झंडे का रंग कोई भी हो. डंडा हमारा ही लिया जाता है. हमारे डंडे में जान है न ! अतः झंडे का रंग कोई भी हो, डंडा हमारा ही चलेगा.
यह भी खूब रही...!
ReplyDeleteडंडे और सोने की सुहागा ! यह भी मेल पुरजोर !
ReplyDeleteलगता है अब डंडे की भी ख़ैर नहीं !
ReplyDelete:)
काफी दिनों बाद ब्लॉग जगत का बोझिलपन कुछ कम होता हुआ लग रहा है.
वाह ! बहुत खूब छंद .
ReplyDeleteआनंद आ गया भाई जी ...
ReplyDeleteशानदार दोहे....
ReplyDelete.
ReplyDeleteरविकर जी, रेफेरेंस और कांटेक्स्ट पता है। बहुत अच्छा लगा कम से आपने तो इस और ध्यान दिया, अन्यथा आंख बंद करके सोते रहने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। आतंकवादी चहुँ और सक्रीय हैं। उनके शातिरपने को पहचान नहीं रहे हैं तथाकथित बुद्धिजीवी। (दुसरे शब्दों में- सोयी हुयी मूर्ख जनता) ।
काश इस बात पर ध्यान देते लोग--
रविकर पहरेदार, पढ़े मंतव्य घिनौना |
रहे सुरक्षित हिंद, नहीं तुम फिर से सोना ||
श्रद्धा के साथ नमन है आपको।
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