Thursday 23 August 2012

खुदा कुआं प्राचीन, आज खोदे हम खाईं-

हवा हवाई हो गई, शुद्ध हवा की बात |
कुदरत नित दिखला रही, मानव को औकात |

मानव को औकात, ताक में मानव रहता |
भोगवाद से ग्रस्त, रहे हर समय बहकता |

खुदा कुआं प्राचीन, आज खोदे हम खाईं |
हुआ खुदा नाराज, हवा भी हवा हवाई ||

5 comments:

  1. खुदा कुआं प्राचीन, आज खोदे हम खाईं |
    हुआ खुदा नाराज, हवा भी हवा हवाई || खोदें कोयला खान ,बढ़ें सब सवा सवाई . .बहुत बढ़िया व्यंग्य धारदार .शुक्रिया भी बधाई भी . .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बृहस्पतिवार, 23 अगस्त 2012
    Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
    Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle

    ReplyDelete
  2. बढ़िया धारदार व्यंग्य.

    ReplyDelete
  3. पता नहीं कब समझेगा इंसान !

    ReplyDelete
  4. खोदने में एक्स्पर्ट
    एक दिन देखना
    बहुत हो जाओगे
    खाई खोदने के लिये
    सरकारी काम भी
    बस तुम ही पाओगे
    लगे रहो !

    ReplyDelete
  5. भाई साहब सियाटिका और लेग पेन पर आलेख हिंदी में ज़रूर मिलेगा यह तो एक आज़माइश थी अंग्रेजी पे लिखे पे कैसा रेस्पोंस मिलता है देखने भालने की .शुक्रिया आपका

    ReplyDelete