(1)
करे करिश्मा कपटमय, काबिल कृपण कृपाण ।
शिरोधार्य आदेश सब, जाहिल काहिल राड़ ||
(2)
ऊपर छाई कालिमा, नीचे धवल झकास |
राजा होता चित्त पट, वित्त बटुक के पास ||
(3)
जंतर मंतर फूंक दे, बचे धुआँ से नाक |
लाग-आग से के जरी, के कर होई धाक ||
(4)
कृष्ण लाल पीले हुवे, धुवें धुवें जब ख़्वाब |
तीर मार गिर से रहे, बची नहीं जब ताब ||
जो 65 साल में नहीं हुआ वो चमत्कार अब तीन साल में होगा...लेकिन बड़ा सवाल है कि कैसे होगा ये ?
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ReplyDelete~~♥ मित्रतादिवस की शुभकामनाएँ ! ♥~~
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बेहतरीन तथ्यात्मक दोहे ......बधाईयाँ , जी ......
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