Friday, 17 August 2012

दिखा राष्ट्रपति भवन में, इसी मर्तबा भेंग-

रहे भाजपा रंज में, अडवानी को ठेंग ।
दिखा राष्ट्रपति भवन में, इसी मर्तबा भेंग ।

इसी मर्तबा भेंग, घटा हामिद के घर भी ।
रहे सब जगह रेंग, विपक्षी सारे सर भी ।

बैठे पहली पंक्ति, जिताया जिन लोगों ने ।
हाय स्वतंत्रता पर्व, मनाया कुल ढोंगो ने  ।।

2 comments:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति!...

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  2. शायद इसे ही आजादी कहते हैं
    बहुत खूब!

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