रहे भाजपा रंज में, अडवानी को ठेंग ।
दिखा राष्ट्रपति भवन में, इसी मर्तबा भेंग ।
इसी मर्तबा भेंग, घटा हामिद के घर भी ।
रहे सब जगह रेंग, विपक्षी सारे सर भी ।
बैठे पहली पंक्ति, जिताया जिन लोगों ने ।
हाय स्वतंत्रता पर्व, मनाया कुल ढोंगो ने ।।
बहुत अच्छी प्रस्तुति!...
ReplyDeleteशायद इसे ही आजादी कहते हैं
ReplyDeleteबहुत खूब!