अपने पुत्र को पीट-पीट कर अपाहिज बनाने पर दस साल की सजा ।।
बलिहारी रे ललित है, प्रीटी मारा लाल |
सीमा पर क्यूँ न गया, जाय काल के गाल |
सीमा पर क्यूँ न गया, जाय काल के गाल |
जाय काल के गाल, शत्रु सा पुत्र पीटता |
अपना गंदा खून, कक्ष में रहा छींटता |
साधुवाद हे कोर्ट, सजा देता जो लम्बी |
पाए नहीं सपोर्ट, नरक भोगे यह दम्भी ||
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