Tuesday, 22 January 2013

खांटी दीदी गिरी है, रहे मौन सरदार-


Full Text: Mamata Banerjee's victory speech

खांटी दीदी गिरी है,  रहे मौन सरदार |
वाजिब हक़ की मांग भी, दे सरदार नकार |

दे सरदार नकार, हुई वो आग-बबूली |
गर बैठूं मैं मार, कहो गुंडा मामूली  |

इसीलिए लो झेल, मरे माँ मानुष-माटी |
रेल तेल का खेल, कहे दीदी यह *खांटी ||

*विशुद्ध


तो-बा-शिंदे बोल तू , तालिबान अफगान-


 तो-बा-शिंदे बोल तू , तालिबान अफगान ।
काबुल में विस्फोट कर, डाला फिर व्यवधान ।
डाला फिर व्यवधान, यही क्या यहाँ हो रहा ?
होता भी है अगर, वजीरी व्यर्थ ढो  रहा ।
फूट व्यर्थ बक्कार, इन्हें चुनवा दे जिन्दे ।
होवे खुश अफगान, पाक के तो बाशिंदे ।। 

 

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