शिंदे फंदे में फंसे, नाखुश हाइ-कमान |
निकला-तीर कमान से, है मुश्किल में जान |
निकला-तीर कमान से, है मुश्किल में जान |
है मुश्किल में जान, बयानी जान-बूझकर |
कई मर्तबा झूठ, करे गुल बिजली रविकर |
करते रहते बीट, विदेशी ढीठ परिंदे |
लगता वो तो मीठ, बुरे लगते बाशिंदे ||
बेहतरीन,बहुत खूब सर जी ,****"सिंदे का तो सन्डे कर दो .
ReplyDeleteकर दो इसकी छुट्टी,बिगड़े इसके चल ढाल सब,,बन घुमे ये
फिसड्डी ..." शिंदे फंदे में फंसे, नाखुश हाइ-कमान |
निकला-तीर कमान से, है मुश्किल में जान |
बहुत प्रभावशाली अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteशानदार !!
ReplyDeleteकुछ नहीं है हाइकमान ड्रामेबाज है ! किया धरा तो उसी का है !
ReplyDelete" शिंदे फंदे में फंसे, नाखुश हाइ-कमान |
ReplyDeleteनिकला-तीर कमान से, है मुश्किल में जान |....Bahut sateek
बहुत सटीक फंदा डाला है सिंदे के गले में --बधाई रविकर जी
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