महा मकर संक्राति से, बाढ़े रविकर ताप ।
सज्जन हित शुभकामना, दुर्जन रस्ता नाप ।
दुर्जन रस्ता नाप, देश में अमन चमन हो ।
गुरु चरणों में नमन, पाप का देवि ! दमन हो ।
मंगल मंगल तेज, उबारे देश भ्रान्ति से ।
गौरव रखे सहेज, महामकर संक्रांति से ।।
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आपको भी मकर संक्राति की मंगलमय कामनाये !
ReplyDeleteमारो मन के पाप को,काटो कलुष विचार
ReplyDeleteहे माता ममतामयी , कर दो अब उद्धार
कर दो अब उद्धार, तमस है बहुत घनेरा
उगा ज्ञान का सूर्य , हमें दो नया सबेरा
मन में बैठे दैत्य , तुरत इनको संहारो
काटो कलुष विचार,पाप को मन के मारो ||
बढ़िया रचना!
ReplyDeleteमकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायन की हार्दिक बधाई !
~सादर!
आपको मकर संक्राति की बधाई।
ReplyDeleteशुभ भाव शुभ कामना से सिंचित रचना .आभार .ठंडी बयार चले देश में सुख शान्ति की , दुश्मनों का सर्वनाश करे भारतीय सेना ,मौन सिंह को सद्बुद्धि दे ,नींद से उठाए .
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