Thursday, 24 January 2013

हिमायती कम्युनिष्ट, बने कांग्रेसी ढर्रा-


देवि महाश्वेता नमन, नक्सल को अधिकार ।
स्वप्न देखने का मिला, उठा हाथ हथियार ।

उठा हाथ हथियार, पेट की खातिर उद्यम ।
चीर लाश का पेट, प्लांट कर देते हैं बम ।

हिमायती कम्युनिष्ट, बने कांग्रेसी ढर्रा ।
 आतंकी खुश होंय, सुनो शिंदे का *चर्रा ।
*चुटीली बातें 

गुड़ गुड़-कर के गुड़गुड़ी, गाय गुड़करी राग -

 पूर्ति करे या न करे, लगे चदरिया  दाग ।
  गुड़ गुड़-कर के गुड़गुड़ी, गाय गुड़करी राग ।
 गाय गुड़करी राग, मगर अब भी ना जागे ।
आय आयकर टीम, बोल-बम उन पर दागे ।
खटिया करके खड़ी, गया भाजप का बन्दा ।
बढ़ी और भी अकड़, व्यर्थ धमकाए गन्दा ।।

 पूर्वी भारत में चले, नक्सल सिक्का मित्र ।
करें चिरौरी पार्टी, हालत बड़ी विचित्र ।

हालत बड़ी विचित्र, जीतना अगर इलेक्शन ।
सींचो नक्सल मूल,  करो इनसे गठबंधन ।

सत्ता सीखे पाठ, करे आतंकी को खुश ।
सांठ-गाँठ आरोप, लगा भाजप पर दुर्धुष ।।  

2 comments:

  1. बेहतरीन सर जी, " चलो चले हम हमला बोले,आज हिला दे दिल्ली की चूले, देश बना विकलांग रहेगा ,जब तक नहीं हिलती दिल्ली की चूले ...चोर उच्चकॆ मजा लेरहे,नियम कानून सब जला रहे हैं,मुल्क हमारा तेल की घानी,कोल्हू में सब पीस रहे हैं

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