लक्षण शुभ समझो त्रिलघु, गर्दन जंघा लिंग ।
कहें चिकित्सक पुरा-अद्य, भृंग विराजे सृंग ।।
भोथर भाला भूल जा, पैना शर ही *पन्य ।
यह लघुत्व *साधन सही, पौरुषता *पर्यन्य ।
पन्य=प्रशंसा करने योग्य
पर्यन्य = बादल की गर्जना
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बालिगों के लिएभारतीयों का-----सबसे छोटा
Arunesh c dave
तीर नुकीले तीर जब, नाविक नहीं अधीर |
फजीहतें-थुक्का करे, हो तुक्का जब तीर | हो तुक्का जब तीर, परखिये हाथी देशी| अफ्रीकन से तेज, रौंदते खेती वेशी | छोड़ गधे की बात, बन्द बेतुकी दलीलें | पान सुपारी चाप, साधिये तीर नुकीले || तीर=पास, वाण चाप=धनुष सुपारी= - - - - गधे= - - - - |
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लघु ही सुन्दर है शक्तिवान है .डिजिटल के दौर में साइज़ जितना छोटा उतना सार्थक और उठाऊ साबित होता है .वात्सायन ने अश्व पुरुष को उत्तम पुरुष बतलाया है ,छोटे लाल छोटा चार इंची ,स्पर्म
ReplyDeleteसुगन्धित काया युवतियों सी कोमल स्पर्श्य ,.छाती पे बाल का नामो -निशाँ नहीं .यही अश्व पुरुष के लक्षण हैं .अलबत्ता वृषभ ,और बुल भी हैं .
छोटेलाल का आकार पुरुषों की हीन भावना है जानकारी के अभाव में .महिलायें भी अब पीन-स्तनी कहाँ हैं ?स्तानाकार उनकी हीन ग्रन्थि है .प्रेम निराकार है .आकार का अतिक्रमण करता है .महिलाओं
में "मृगी" "बड़वा" से श्रेष्ठ बतलाई है वात्सायन ने .मृगी की योनी (वेजिनल ट्यूब चार इंची है )बड़वा तो फिर बड़वा ही है ."बुल" के लिए बनी है .
लक्षण शुभ समझो त्रिलघु, गर्दन जंघा लिंग ।
कहें चिकित्सक पुरा-अद्य, भृंग विराजे सृंग ।।
वैजीनल ट्यूब बोले तो जांघ के बीच की दराज़ .