तीखी मिर्ची असम की, खाय रहा पंजाब ।
रविकर यूँ मत मुंह लगा, ज्वलनशील तेज़ाब ।
ज्वलनशील तेज़ाब, तनिक भी गर चख लेगा ।
सी सी सू सू आह, गुलगुला गुड़ अखरेगा ।
जले सवेरे तलक, देहरी रग रग चीखी ।
बवासीर हो जाय, फिरा मुँह मिर्ची तीखी ।।
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नई दिल्ली (पीटीआई) :
असम के तेजपुर की भूत जोलोकिया के रूप में मशहूर मिर्ची को टाइम मैगजीन ने
अपने ताजा अंक में दुनिया की सबसे तीखी मिर्च बताया है। मैगजीन की कवर
स्टोरी में दुनिया भर की पाक संबंधी खूबियों और अनोखी बातों को शामिल किया
गया है। मैगजीन के लेख ग्लोबल वॉर्मिंग के मुताबिक, भूत जोलोकिया का तीखापन
सिर्फ काली मिर्च से तैयार चिली सॉस में ही मिलता है। मिर्च का तीखापन
स्कोवाइल हीट यूनिट (एसएचयू) में मापा जाता है। तेजपुर की इस मिर्च में
एसएचयू की मात्रा 10 लाख है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2000 में डिफेंस
रिसर्च लैबरटरी तेजपुर ने घोषणा की थी कि उसने विश्व की सबसे तीखी मिर्च की
पहचान की है। इससे पहले अमेरिका में विकसित रेड सेविना नामक मिर्च को सबसे
तीखी मिर्ची बताया गया था। इसमें एसएचयू की मात्रा 5 लाख 77 हजार आंकी गई
थी। इसे कैलिफॉर्निया के एक किसान ने विकसित किया था।
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बाबा बड़का तोपची, बप्पा तीरंदाज ।
मार सका नहिं मेंढकी, चला गिराने गाज ।
चला गिराने गाज, गलत होता अंदाजा ।
समझा जिसको साज, बजा जाये वो बाजा ।
रहता काशी ताक, कभी नहिं ताके काबा ।
संस्कार कमजोर, भरे भीषण भय बाबा ।।
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ठोकर लग जाये अगर, देते मिटा पहाड़ |
अपनी कुटिया के लिए, जंगल रहे उजाड़ |
जंगल रहे उजाड़, स्वार्थ में होकर अंधे |
गर्त-धरा-नभ फाड़, करे नित काले धंधे |
ललित-चैत्य में लंठ, शिल्पशाला में पत्थर |
भवनों में मक्कार, मारते चलते ठोकर ||
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फैलाए आँखे कुटिल, बाबा से कर भेंट ।
सदा पिनक में आलसी, लेता सर्प लपेट ।
लेता सर्प लपेट, समझता खुद को औघड़ ।
पी रविकर का रक्त, करे बेमतलब हुल्लड़ ।
कातिल सनकी मूढ़, पहुँचता बिना बुलाये ।
दुराचार नित करे, धर्म का भ्रम फैलाए ।
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शुक्रवार, 16 नवंबर, 2012 को 18:44 IST तक के समाचार
हिन्दू पाकिस्तान में, झेल रहे हैं दंश ।
यहाँ मौज में जी रहे, उन के मामा वंश ।
उन के मामा वंश, बना शरणार्थी चाहे ।
यह भारत सरकार, असंभव टैक्स उगाहे ।
दो अनुमति अविलम्ब, शीघ्र निपटा यह बिन्दू ।
माँ की पावन गोद, छोड़ क्यूँ जाए हिन्दू ।।
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पहली बात बवासीर नहीं होती है मोटापा कम होता है अपचयन दर बढ़ाती है मिर्ची बोले तो हैलोपीन ,अपचयन बोले तो केलोरी उड़ाने की दर रेट आफ बर्निंग केलोरीज़ .
ReplyDeleteठोकर लग जाये अगर, देते मिटा पहाड़ |
ReplyDeleteअपनी कुटिया के लिए, जंगल रहे उजाड़ |
जंगल रहे उजाड़, स्वार्थ में होकर अंधे |
गर्त-धरा-नभ फाड़, करे नित काले धंधे |
ललित-चैत्य में लंठ, शिल्पशाला में पत्थर |
भवनों में मक्कार, मारते चलते ठोकर ||
बहुत बढ़िया पोस्ट .आनंद ही आनंद भयो .
भाई जी यह असम वाली है सम या शिमला मिर्च नहीं है-
Deleteमैं तो मुंह ना लगाऊं -
असम के तेजपुर की भूत जोलोकिया के रूप में मशहूर मिर्ची को टाइम मैगजीन ने अपने ताजा अंक में दुनिया की सबसे तीखी मिर्च बताया है। मैगजीन की कवर स्टोरी में दुनिया भर की पाक संबंधी खूबियों और अनोखी बातों को शामिल किया गया है। मैगजीन के लेख ग्लोबल वॉर्मिंग के मुताबिक, भूत जोलोकिया का तीखापन सिर्फ काली मिर्च से तैयार चिली सॉस में ही मिलता है। मिर्च का तीखापन स्कोवाइल हीट यूनिट (एसएचयू) में मापा जाता है। तेजपुर की इस मिर्च में एसएचयू की मात्रा 10 लाख है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2000 में डिफेंस रिसर्च लैबरटरी तेजपुर ने घोषणा की थी कि उसने विश्व की सबसे तीखी मिर्च की पहचान की है। इससे पहले अमेरिका में विकसित रेड सेविना नामक मिर्च को सबसे तीखी मिर्ची बताया गया था। इसमें एसएचयू की मात्रा 5 लाख 77 हजार आंकी गई थी। इसे कैलिफॉर्निया के एक किसान ने विकसित किया था।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (25-11-2012) के चर्चा मंच-1060 (क्या ब्लॉगिंग को सीरियसली लेना चाहिए) पर भी होगी!
सूचनार्थ...!
बढ़िया
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