Friday 30 November 2012

लक्षण शुभ समझो त्रिलघु, गर्दन जंघा लिंग -

 


लक्षण शुभ समझो त्रिलघु, गर्दन जंघा लिंग ।
कहें चिकित्सक पुरा-अद्य, भृंग विराजे सृंग ।।


भोथर भाला भूल जा, पैना शर ही  *पन्य ।
यह लघुत्व *साधन सही, पौरुषता *पर्यन्य । 


पन्य=प्रशंसा करने योग्य
पर्यन्य = बादल की गर्जना



बालिगों के लिए 

भारतीयों का-----सबसे छोटा

Arunesh c dave 
 तीर नुकीले तीर जब, नाविक नहीं अधीर | 
फजीहतें-थुक्का करे, हो तुक्का जब तीर |
 


हो तुक्का जब तीर, परखिये  हाथी देशी|
अफ्रीकन से तेज, रौंदते खेती वेशी  |


छोड़ गधे की बात, बन्द  बेतुकी दलीलें |
पान सुपारी चाप, साधिये तीर नुकीले ||
नाविक = घाव करें गंभीर,  की तरफ इशारा है -
तीर=पास, वाण
चाप=धनुष
सुपारी= - - - -
गधे= - - -  -


  1.  
    अजी इसमें श्लील अश्लील क्या है बात छोटे लाल उर्फ़ पुन्नू की है यहाँ तो लिंग की पूजा होती रही है लिंगायत सम्प्रदाय द्वारा .और शिव लिंग किसका प्रतीक है बोले तो ध्यान से देखिये :योनी में से लिंगोथ्थान (शुद्धता वादी क्षमा करें )बात प्रतीकों की ,उनकी व्याख्या में विविधता की है .
    मर्दों का कोम्प्लेक्स है "छोटे लाल "महिलाओं के लिए प्रेम सर्वोपरि है पुन्नू जी की कद काठी नहीं .हाँ सिर्फ अपना काम निपटने पर, भागने न दें पुन्नू को .

1 comment:

  1. लघु ही सुन्दर है शक्तिवान है .डिजिटल के दौर में साइज़ जितना छोटा उतना सार्थक और उठाऊ साबित होता है .वात्सायन ने अश्व पुरुष को उत्तम पुरुष बतलाया है ,छोटे लाल छोटा चार इंची ,स्पर्म

    सुगन्धित काया युवतियों सी कोमल स्पर्श्य ,.छाती पे बाल का नामो -निशाँ नहीं .यही अश्व पुरुष के लक्षण हैं .अलबत्ता वृषभ ,और बुल भी हैं .

    छोटेलाल का आकार पुरुषों की हीन भावना है जानकारी के अभाव में .महिलायें भी अब पीन-स्तनी कहाँ हैं ?स्तानाकार उनकी हीन ग्रन्थि है .प्रेम निराकार है .आकार का अतिक्रमण करता है .महिलाओं

    में "मृगी" "बड़वा" से श्रेष्ठ बतलाई है वात्सायन ने .मृगी की योनी (वेजिनल ट्यूब चार इंची है )बड़वा तो फिर बड़वा ही है ."बुल" के लिए बनी है .

    लक्षण शुभ समझो त्रिलघु, गर्दन जंघा लिंग ।
    कहें चिकित्सक पुरा-अद्य, भृंग विराजे सृंग ।।

    वैजीनल ट्यूब बोले तो जांघ के बीच की दराज़ .

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