सोना सोना स्वप्न, हुई शामिल दिल्ली भी-
बिल्ली को चुहिया मिली, कभी हुई थी दफ्न |
शेखचिल्लियों की चली, सोना सोना स्वप्न |
सोना सोना स्वप्न, हुई शामिल दिल्ली भी |
राजनीति-विज्ञान, लपलपा जाती जीभी |
देखे सारा विश्व, उड़ाये रविकर खिल्ली |
भूली गीता मर्म, शेख-चिल्ली की बिल्ली ||
बहुत सुंदर
ReplyDeleteअति सुन्दर..
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
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