Thursday, 14 November 2013
तू भी कर मत दान, सामने पा इक कपटी-
इक कप टी बिस्कुट सहित, सकता हमें खरीद |
फूड-सिक्युरिटी जब
दिया
, क्यूँ ना होवे ईद |
क्यूँ ना होवे ईद, हुआ मन रेगा अपना |
मिट्टी करे पलीद, विपक्षी सत्ता सपना |
हम तो सत्ता भक्त, खाय रेवड़ियां बटती |
तू भी कर मत दान, सामने पा इक कपटी |
2 comments:
Unknown
15 November 2013 at 00:36
Very Interesting Kahani Shared by You. Thank You For Sharing.
प्यार की बात
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
15 November 2013 at 06:26
सुन्दर प्रस्तुति।
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Very Interesting Kahani Shared by You. Thank You For Sharing.
ReplyDeleteप्यार की बात
सुन्दर प्रस्तुति।
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