प्यासी बहनें जा रहीं, रुकने का अनुरोध |
शीला का दुःख देखिये, शहजादे का क्रोध |
शहजादे का क्रोध, मन:स्थित समझ करीबी |
करते रहते शोध, किन्तु नहिं ख़तम गरीबी |
रविकर देखें बोय, खेत में सत्यानाशी |
बढ़िया पैदावार, बहन पर भूखी-प्यासी ||
भाषण सुनकर जाइये, पूरी करिये साध |
एक घरी आधी घरी, आधी की भी आध |
आधी की भी आध, विराजे हैं शहजादे |
करिये वाद-विवाद, किन्तु सुनिये ये वादे |
शीला कहे पुकार, जानती यद्यपि कारण |
जाने को सरकार, फर्क डाले क्या भाषण ||
ReplyDeleteभाषण सुनकर जाइये, पूरी करिये साध |
एक घरी आधी घरी, आधी की भी आध |
आधी की भी आध, विराजे हैं शहजादे |
करिये वाद-विवाद, किन्तु सुनिये ये वादे |
शीला कहे पुकार, जानती यद्यपि कारण |
जाने को सरकार, फर्क डाले क्या भाषण ||
सुन्दर विवेचन .वोटर कितना समझदार ,चुनाव से पहले दिखा दिया आइना ,बुद्धिमंद को .
वाह..बहुत खूब ! यहाँ सब वादे ही तो करते हैं...
ReplyDeleteवाह जी वाह ... मस्त है ...
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