Tuesday, 5 November 2013

लौह-पुरुष तब बाप, आज अडवाणी बोले-

(1)
कम्युनल नेहरू कहें, जब निजाम-संताप |
रिश्ते में लगने लगे, लौह-पुरुष तब बाप |

लौह-पुरुष तब बाप, आज अडवाणी बोले |
कांग्रेसी खुरपेंच, विरासत खा हिचकोले |

छद्म धर्म निरपेक्ष, वसूले अब भी किश्तें |
लेकिन आज पटेल, संघ के लिए फ़रिश्ते ||

(2)
लोहा है हर देह में, भरा अंग-प्रत्यंग |
मगर अधिकतर देह में, मोह-मेह का जंग |

मोह-मेह का जंग, जंग लड़ने से डरता |
नीति-नियम से पंगु, कीर्ति कि चिंता करता |

लौह पुरुष पर एक, हमें जिसने है मोहा |
किया एकजुट देश, लिया दुश्मन से लोहा ||

6 comments:

  1. लौह पुरुष पर एक, हमें जिसने है मोहा |
    किया एकजुट देश, लिया दुश्मन से लोहा ||
    बहुत सुंदर आ. रविकर जी .

    ReplyDelete
  2. वाह ! अति सुंदर प्रस्तुति...

    ReplyDelete
  3. सुंदर !
    कल धोती पुरुष थे आज लोह :)

    ReplyDelete
  4. sarthak prastuti .aabhar

    ReplyDelete
  5. लौह पुरुष पर एक, हमें जिसने है मोहा |
    किया एकजुट देश, लिया दुश्मन से लोहा ||

    सुन्दर प्रस्तुति बधाई।

    ReplyDelete