Monday, 4 November 2013

बहना याद तमाम, सुता कौशल्या माँ की-


भैया मेरे राम जी, फिर भी मैं गुमनाम |
आये भैया दूज पर, बहना करे प्रणाम |

बहना करे प्रणाम, सुता कौशल्या माँ की |
दशरथ पिता प्रणाम, अवध की दिल में झाँकी |

मौसा मौसी गोद, डाल दी रविकर मैया |
पहले थी विकलांग, ठीक अब लेकिन भैया 

प्रबंध-काव्य का लिंक-

3 comments:

  1. बहुत खूब !
    भाई दूज की शुभकामनायें !

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  2. बहुत सुंदर..नमन राम की इस बहना को..

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