Tuesday 30 October 2012

हैं फॉलोवर ढेर, चेत हे ब्लॉगर नामी-

कामी क्रोधी लालची, पाये बाह्य उपाय ।
उद्दीपक का तेज नित, इधर उधर भटकाय ।
 
 
इधर उधर भटकाय, कुकर्मों में फंस जाता ।
अहंकार का दोष, मगर अंतर से आता।
 
 
हैं फॉलोवर ढेर, चेत हे ब्लॉगर नामी ।
पद मद में हो चूर, बने नहिं क्रोधी कामी ।।

10 comments:

  1. सटीक संदेश देती कुंडली ।

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  2. सही है. अहकार विनाश का कारण है

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  3. सही नसीहत!
    ब्लॉगरों को ध्यान देना चाहिए!

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  4. गुप्ता जी क्या कीजियेगा --चापलूसी का जमाना है |

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  5. जिसकी जैसी सोच ..तू क्यों करता "हाय"
    कहे कवि रविकर ...तू क्यों मन भटकाय ||
    शुभकामनाएँ!

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  6. वक्त को सम्भालों
    मेरी नई पोस्ट !
    इस पर आप अपनी प्रतिक्रिया दें !

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  7. जैसी करनी ,वैसी भरनी .ये कोबरा वृत्ति ब्लॉग जगत के कई नाम चीन /कुख्यात लोगों को घेरे है .यहाँ वही दीर्घ जीवी होगा जो सर्वसमावेशी है ,सर्वशक्ति मान की उत्तर जीविता /दीर्घ जीविता का डार्विनवाद यहाँ

    जल्दी ही पानी भरेगा

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  8. कामी क्रोधी लालची, पाये बाह्य उपाय ।
    उद्दीपक का तेज नित, इधर उधर भटकाय ।
    बेहतरीन कुण्डलियाँ सटीक प्रहार करती ..

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