Saturday 6 October 2012

नारी शक्ति स्वरूप, सुधारो दुर्गा माता-




माता पर विश्वास ही, भारत माँ की शान ।
संस्कार *अक्षुण  रहें,  माँ लेती जब ठान ।
माँ लेती जब ठान, आन पर स्वाहा होना ।
पूनम का ही चाँद, ग्रहण से महिमा खोना ।
बेटी माँ का रूप, शील गुण उसपर जाता ।
नारी शक्ति स्वरूप, सुधारो दुर्गा माता ।।



शोषण करते धरा का, रहे पोषते दैत ।
प्राय:  विकसित देश हैं, अजगर मगर करैत ।
अजगर मगर करैत, निगलते फाड़ें काटें ।
चले दुरंगी चाल, लड़ावैं हड़पैं बाँटें ।
संसाधन सुख भोग, व्यर्थ करते उदघोषण । 
बड़ा चार सौ बीस, बढ़ता जाता शोषण ।।


  पैसे पैसे बिक रहे, बाबा आज अनेक ।

 इ'स्टेटस सिम्बल बने, नवधनाढ्य की टेक । 
 नवधनाढ्य की टेक, दलाली करते आधे ।
फँसते ग्राहक नए, सभी को मिलकर साधे ।
सपना मिडिल क्लास, देखता कैसे कैसे  ।
चाहे दौलत ढेर, लुटा के अपने पैसे ।। 



करो परीक्षा पास तुम, नक़ल शकल दम घूस ।
खड़ी व्यवस्था राज की,  नक्सल बनकर चूस ।
नक्सल बनकर चूस, अधिकतर लोग उपेक्षित ।
किस्मत जो मनहूस, लूट लो चीजें इच्छित ।
चहकें झंडे गाड़, कैरिअर गुरु की दीक्षा ।
लाव सफलता पास, पास ना करो परीक्षा ।।


आकर्षक अंदाज है, नियमित भेजे  किश्त ।
कश्ती जीवन की चले, चले जीविका वृत्त  ।
चले जीविका वृत्त, प्रेम जोया सन्जोया ।
सुलगे सीली राख, अश्रु ने इन्हें भिगोया ।
देने पूर्ण हिसाब, सत्य पहुंचेगा भरसक  ।
उलाहना अंदाज, आपका है आकर्षक । 

8 comments:

  1. BEHATARIN KUNADALIYAN YATHARTH BAYAAN KARATI HUYON

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  2. वाह जानदार और शानदार एक से बढ़कर एक !

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  3. कई सारी बढिया रचनायें

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  4. सभी एक से बढ़कर एक और सभी में एक विषद आयाम.

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  5. पैसे पैसे बिक रहे, बाबा आज अनेक ।
    इ'स्टेटस सिम्बल बने, नवधनाढ्य की टेक ।
    नवधनाढ्य की टेक, दलाली करते आधे ।
    फँसते ग्राहक नए, सभी को मिलकर साधे ।
    सपना मिडिल क्लास, देखता कैसे कैसे ।
    चाहे दौलत ढेर, लुटा के अपने पैसे ।।
    इस सुन्दर रचना के लिए बधाई रविकर जी "कांग्रेसी कुतर्क "को चर्चा वार बनाने के लिए शुक्रिया .एक आलेख और आरहा है -अथ वागीश उवाच -ये कांग्रेसी हरकारे .

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  6. माता पर विश्वास ही, भारत माँ की शान ।
    संस्कार *अक्षुण रहें, माँ लेती जब ठान ।
    माँ लेती जब ठान, आन पर स्वाहा होना ।
    पूनम का ही चाँद, ग्रहण से महिमा खोना ।
    बेटी माँ का रूप, शील गुण उसपर जाता ।
    नारी शक्ति स्वरूप, सुधारो दुर्गा माता ।।
    शक्ति रूपा ,अनेक रूपा नारी की महिमा अपरम्पार .माँ का दर्जा सबसे ऊपर जो जनक भी है पालक भी कल्याणकारी शिव भी .

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  7. सभी कुण्डलियाँ जबरदस्त एक से बढ़कर एक बहुत बहुत बधाई लो

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